
Bhagalpur News: भागलपुर के समीक्षा भवन में आज जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य विभिन्न विभागों में लंबित कार्यों की स्थिति की समीक्षा और उनके शीघ्र निष्पादन के लिए दिशा-निर्देश देना था।
बिजली विभाग पर विशेष फोकस
बैठक में सबसे पहले बिजली विभाग की समीक्षा की गई, जहां स्मार्ट मीटर लगाने के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि जो उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने से परहेज कर रहे हैं, उनका बिजली कनेक्शन काटा जाए।
साथ ही कार्यपालक अभियंता, विद्युत को निर्देश दिया गया कि साढ़े तीन गुना मानव बल लगाकर कार्य में तेजी लाएं।
यह भी पाया गया कि बिजली कनेक्शन के 404 आवेदन अभी लंबित हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी आवेदन एक माह से अधिक लंबित न रहे।
सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे अपने बकाया बिजली बिलों का तत्काल भुगतान करें।
सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा
एनएच-80 द्वारा बताया गया कि घोरघट से दोगच्छी तक सड़क निर्माण का 87% कार्य पूर्ण हो चुका है, और 31 जुलाई 2025 तक शेष कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।
हालांकि जिलाधिकारी ने जून माह के अंत तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया।
पथ प्रमंडल भागलपुर द्वारा बताया गया कि पैकेज-29A के अंतर्गत 18 योजनाएं एवं 29B के तहत 12 योजनाएं सड़कों की मरम्मत हेतु ली गई हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है।
विकास योजनाओं एवं ग्राम कचहरी पर विशेष चर्चा
- महिला संवाद और डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान से संबंधित लंबित आवेदनों की समीक्षा की गई।
- पंचायत सरकार भवन, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर लाइट योजना, 15वीं एवं 6वीं वित्त आयोग की योजनाएं—इन सभी में धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए उप विकास आयुक्त को निगरानी हेतु विशेष बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
ग्राम कचहरी के मामलों की गंभीर समीक्षा
बैठक में ग्राम कचहरी में लंबित मामलों की समीक्षा भी की गई। बताया गया कि जिले में अब तक 472 दीवानी और 315 फौजदारी मामले दायर हुए हैं, जिनमें से केवल 85 दीवानी और 47 फौजदारी मामले ही निष्पादित हो सके हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जिन ग्राम कचहरी सचिवों के यहां निष्पादन नहीं हो रहे हैं, उनसे स्पष्टीकरण लिया जाए और उनका वेतन स्थगित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि दीवानी मामले ग्राम स्तर पर ही निपटा दिए जाएं, तो आगे चलकर फौजदारी मामलों की संख्या में स्वतः कमी आएगी।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्राम कचहरी एक प्रकार की निचली अदालत है, और इसके आदेश उच्च न्यायालयों में भी मजबूत आधार के रूप में माने जाते हैं। इसलिए इसका सक्रिय और प्रभावी संचालन न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाता है।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में उप विकास आयुक्त, संयुक्त निदेशक जन संपर्क, डीआरडीए के निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।