
Bihar News: जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा आज पटना स्थित विभागीय सभागार में सिंचाई प्रक्षेत्र से संबंधित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जल संसाधन विभाग के माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने की। बैठक का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष श्री ईश्वर चंद्र ठाकुर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
बैठक में विभाग के विभिन्न सिंचाई प्रक्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, नहरों की जल आपूर्ति स्थिति, भू-अर्जन से जुड़े लंबित मामलों तथा प्रगति यात्राओं की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई।
मंत्री श्री चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विभाग का मूल दायित्व राज्य के किसानों को प्रभावी और समयबद्ध सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने सभी अभियंताओं को निर्देशित किया कि नहरों में जल प्रवाह प्रत्येक गांव और खेत तक बिना किसी अवरोध के पहुंचे। उन्होंने आगामी सिंचाई मौसम से पूर्व सभी नहर स्थलों का गंभीर निरीक्षण करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने कार्यों में कोताही बरतने वाले संवेदकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर किसान को समय पर सिंचाई सुविधा मिले और इसके लिए विभागीय जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि विभाग ने अब तक 37 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की है, जिसे शत-प्रतिशत क्रियान्वित करना प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में उच्चस्तरीय सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करने और एक सप्ताह के भीतर नहरवार निरीक्षण का रूटमैप तैयार कर समर्पित करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने चेताया कि यदि किसी क्षेत्र में नहर टूटने या जलप्लावन की स्थिति उत्पन्न होती है तो संबंधित सभी अभियंताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के विभिन्न सत्रों में सिवान, मोतिहारी, दरभंगा, सहरसा, भागलपुर, बिहारशरीफ, गया, औरंगाबाद एवं डिहरी जैसे प्रक्षेत्रों की योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन तकनीकी परामर्शी श्री रविंद्र कुमार शंकर ने किया।
इस अवसर पर विभाग के अपर सचिवगण, अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, तकनीकी परामर्शी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की प्रगति रिपोर्ट मंत्री जी को प्रस्तुत की और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सुझाव भी दिए।