
Munger News: बिहार में रेलवे के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर लोकोमोटिव वर्कशॉप में वैगन पीओएच (Periodical Overhauling) क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना 78.96 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित की जाएगी, जिससे वर्कशॉप की ओवरहालिंग क्षमता 545 से बढ़कर 800 वैगन प्रति माह हो जाएगी।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित रहे।
इससे पूर्व रेल मंत्री पटना पहुंचे, जहां उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य में रेलवे परियोजनाओं पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने पटना से जमालपुर तक विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण कर रेलवे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जमालपुर स्टेशन और वर्कशॉप को मिला उन्नयन का पैकेज
जमालपुर स्टेशन पर चल रहे 30 करोड़ रुपये की लागत वाले पुनर्विकास कार्यों का निरीक्षण कर श्री वैष्णव ने आवश्यक निर्देश दिए। वहीं वर्कशॉप में उन्होंने बॉक्सएन वैगन, बीएलसीएस वैगन तथा शौचालय युक्त ब्रेक वैन के निर्माण, 140 टन क्रेन, 8-व्हीलर टावर कार और जमालपुर जैक जैसे विशिष्ट उत्पादों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय रेल मंत्री ने वर्कशॉप में कर्मचारियों के उत्साहपूर्वक स्वागत के बीच IRIMEE (Indian Railway Institute of Mechanical and Electrical Engineering) का भी दौरा किया। यहां उन्होंने “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” नामक विकास पुस्तिका का विमोचन किया, जिसमें वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स और मेक्ट्रोनिक्स जैसे तकनीकी विषयों पर विस्तृत कार्य योजनाएं शामिल हैं। IRIMEE और वर्कशॉप के समग्र उन्नयन पर कुल 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
तकनीकी प्रशिक्षण को मिलेगा नया आयाम
रेल मंत्री ने घोषणा की कि वर्ष 2026 से IRIMEE में रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विषयों पर कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे संस्थान देश का एक उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा केंद्र बनेगा।
रेलवे बजट में ऐतिहासिक वृद्धि
श्री वैष्णव ने बताया कि 2009 से 2014 के बीच बिहार को रेलवे विकास के लिए औसतन 1,132 करोड़ रुपये सालाना मिलते थे, जो अब बढ़कर 10,066 करोड़ रुपये हो चुके हैं — यानी करीब 9 गुना की वृद्धि। इस अवधि में नई रेल लाइनों के निर्माण और विद्युतीकरण में भी अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 2014 से 2024 के बीच बिहार में 1,832 किमी नई रेल लाइनें और 3,020 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया है, जिससे राज्य का 100% विद्युतीकरण पूरा हुआ।
नेताओं ने जताया आभार
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने रेल मंत्री की दूरदृष्टि और योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह विकास के प्रति समर्पण का परिचायक है। बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में रेलवे के योगदान के लिए आभार जताया।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, जिनमें विधायक प्रणव कुमार, अजय कुमार सिंह, राजीव कुमार सिन्हा, लाल मोहन गुप्ता, पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह तथा पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिन्द देउस्कर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।