
भागलपुर: जनता को तेज़, सुलभ और शांतिपूर्ण न्याय दिलाने के उद्देश्य से भागलपुर व्यवहार न्यायालय से सोमवार को एक विशेष “मध्यस्थता जागरूकता रथ” को रवाना किया गया। यह रथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को मध्यस्थता (Mediation) के माध्यम से विवादों के समाधान के बारे में जागरूक करेगा।
इस अवसर पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश श्री राजकुमार राजपूत सहित विभिन्न न्यायालयों के माननीय न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया।
1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलेगा मध्यस्थता विशेष अभियान
इस पहल को प्रधान जिला न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भागलपुर के निर्देश पर शुरू किया गया है। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक यानी कुल 90 दिनों तक चलेगा। इसका उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों में कमी लाना और जनता को सुलह-सफाई के माध्यम से त्वरित समाधान का अवसर देना है।
मध्यस्थता: त्वरित न्याय की एक प्रभावी विधि
मध्यस्थता वह प्रक्रिया है जिसमें पक्षकार आपसी बातचीत और समन्वय के माध्यम से किसी विवाद का समाधान निकालते हैं — बिना लम्बे कानूनी संघर्ष के।
जागरूकता रथ इस संदेश को गांव-गांव और शहर के कोनों तक पहुंचाने का कार्य करेगा। लोगों को बताया जाएगा कि कैसे वे बिना मुकदमेबाज़ी के भी न्याय प्राप्त कर सकते हैं — और वो भी कम समय, कम खर्च और तनाव रहित तरीके से।
न्यायालय का उद्देश्य: न्याय हर द्वार
इस अभियान के माध्यम से न्यायालय की यह पहल स्पष्ट संदेश देती है — न्याय को सिर्फ अदालतों तक सीमित न रखते हुए आमजन के द्वार तक पहुंचाना है। यह जागरूकता रथ मेडिएशन सेंटर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार भागलपुर की ओर से संचालित किया जा रहा है।