
रिपोर्ट -बालकृष्ण कुमार
सिल्क टीवी/कहलगांव (बिहार) : कहलगांव अनुमंडल में बहुचर्चित बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना की नींव 1977 में रखी गई थी, जब कहलगांव से लम्बे समय तक विधायक रहे सदानंद सिंह बिहार सरकार के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री थे l यह परियोजना पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट था l लेकिन नींव रखने से 45 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक इसका लाभ क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल सका l बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 2017 में इसके उद्घाटन के दौरान ही पानी के अत्यधिक दबाव के कारण एनटीपीसी के पास कनाल टूट गया था, जिससे कहलगांव शहरी क्षेत्र समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ आ गई और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया l वहीं इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकारी पैसे की बंदरबांट एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर आवाज भी उठाई थी lपिछले दिनों कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव ने मानसून सत्र के दौरान सदन में बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना को शीघ्र चालू कराने का मुद्दा उठाया था, परियोजना की शुरुआत में इस योजना का कुल बजट 13 करोड़ 88 लाख था, लेकिन कार्य तय समय पर पूरा नहीं होने के कारण लागत बढ़ती चली गई और पूरी योजना 22 सौ करोड़ रुपए की हो गई l बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना से कहलगांव, सन्हौला और पीरपैंती प्रखंड के लगभग 21 हज़ार 7 सौ हेक्टेयर और झारखंड के 4 हज़ार 8 सौ 83 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकती है l बताया गया कि परियोजना में 650 एचपी के 6 मोटर और 450 केवी के 6 मोटर लगाए गए हैं, और एक साथ सभी बारह मोटर को चालू करने पर 1260 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड लिया जा सकता है l वहीं क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर अभी भी बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना शुरू हो जाती है, तो क्षेत्र में किसानों के समक्ष सिंचाई सम्बंधित समष्या नहीं रह जायेगी l