हर्षोल्लास के साथ ठाकुरबाड़ी और मंदिरों में मनाई गई जन्माष्टमी, संकटमोचन दरबार से निकाली गई साई पालकी यात्रा, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह….

रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा / ईशु राज
सिल्क टीवी भागलपुर (बिहार) : जन्माष्टमी के अवसर पर भागलपुर के भगत सिंह चौक स्थित संकट मोचन दरबार साई मंदिर में भगवान् शिव, राधा कृष्ण और साई बाबा की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने साई बाबा का जयकारा लगाते हुए साई पालकी यात्रा निकाली, जिसमें शहर के विभिन्न जगहों से आये श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जबकि कोविड को देखते हुए औपचारिक रूप से निकाली गई साई पालकी यात्रा में पहले की तुलना कम भक्त दिखाई दिए।

वहीं पालकी यात्रा के दौरान साई की प्रतिमा के दर्शन करने भक्तों की भीड़ देखी गई,जहां लोगों ने साई का जयकारा लगाया और पुष्प भी अर्पण किया। बता दें कि प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी के दिन साई मंदिर से हांथी घोड़े और कई वाहनों के साथ नृत्य मंडली एवं भक्तों की टोली नाचते झूमते हुए पालकी यात्रा में शामिल होती है, लेकिन विगत दो वर्षों से कोविड के कारण इस भव्य आयोजन पर रोक लगा दी गई है, जबकि बीते दिनों सरकार की अनुमति के बाद धार्मिक स्थल खोले जाने को लेकर सोमवार को औपचारिक रूप से साई पालकी यात्रा निकाली गई।

इसको लेकर पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वृहत पैमाने पर पालकी यात्रा नहीं निकाली गई, जबकि सार्वजानिक भंडारे का भी आयोजन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान् के साथ साई की पूजा कर अभिषेक किया गया, जिसमे श्रद्धालु भी शामिल हुए। पालकी यात्रा में मंदिर के मुख्य पुजारी दिनेश चंद्र झा समेत मंदिर से जुड़े कई लोग और भक्त भी साई का जयकारा लगाते दिखे एवं सबों को जन्माष्टमी की शुभकामना दी।

इधर जिले भर में जन्माष्टमी के अवसर पर विभिन्न ठाकुरबाड़ियों और मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और व्रत उपवास भी रखा। सभी राधाकृष्ण मंदिरों सजाया गया और कोविड को ध्यान में रखते हुए विधि विधान से पूजा की गई। साथ ही बांके बिहारी नंदलाल को झूला झुलाया गया और पूरा मंदिर प्रांगण भगवान् कृष्ण और राधा देवी के जयकारों से गूंजता रहा। इस दौरान भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला और सभी राधा कृष्ण की भक्ति में झूमते रहे। वहीं जिले में कई जगहों पर जन्माष्टमी को लेकर छोटे छोटे बच्चों को भी राधा कृष्ण की वेशभूषा में तैयार कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। साथ ही लोगों ने अपने अपने तरीके से जन्माष्टमी मनाकर एक दूसरे को शुभकामना भी दी।