स्कूल – कोचिंग खोलने की मांग को लेकर पीटीए ने की आपात बैठक, कहा पांच लाख की सहयोग राशि दे सरकार…..

रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार ): कोविड 19 के कारण सरकार के निर्देश पर बिहार के सभी जिलों में सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं प्राइवेट स्कूल और कोचिंग बंद होने से शिक्षकों और इनसे जुड़े कर्मियों के बीच रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। साथ ही छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित है। इसको लेकर रविवार को भागलपुर के ऊर्दू बाजार स्थित एबीसी केमिस्ट्री क्लासेस में शिक्षकों की आपात बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता प्राइवेट टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. अमरेंद्र कुमार यादव ने की। इस दौरान कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर प्रशासनिक सहमति एवं वर्ग का संचालन किस प्रकार किया जाए और उसके लिए क्या तय मापदंड हो इस पर विस्तृत चर्चा हुई। शिक्षक विनय कुमार, अजय कुमार और संतोष कुमार ने कहा कि संस्थान को खोलने को लेकर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगा। जिसमें कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर प्रशासनिक सहमति मांगी जाएगी। वहीं राकेश कुमार,अशीष रंजन और सुधाकर मिश्रा ने बताया कि करीब तीन माह से प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद होने के कारण शिक्षकों की स्थिति अब बद से बदतर हो चुकी है, जिसके कारण वे लोग सड़क पर आ गए हैं, और ऊपर से मकान मालिक भाड़ा के लिए दबाव बना रहा हैं। ऐसे में सरकार की ओर से भी उन लोगों को अब तक कोई सहायता राशि नहीं दी गई है। इधर जे. पी. उजाला और ललन कुमार ने सरकार से मांग किया है कि प्राइवेट स्कूल और कोचिंग के संचालकों को फिलहाल आर्थिक तंगी से उबारने के लिए पांच लाख की सहयोग राशि जिला प्रशासन के माध्यम से अभिलंब दी जाए। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शैक्षणिक संस्थान को खोलने की अनुमति दी जाए। बैठक में शिक्षिकों ने बताया कि सरकार प्राइवेट स्कूल और कोचिंग को बंद करके कोरोना से बचाव का ढिंढोरा पीटना चाहती है लेकिन वास्तव में कोरोना स्कूल से नहीं सरकारी सिस्टम की लापरवाही के कारण फैला। वहीं पीटीए से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांग पर जल्द ध्यान नहीं देती है तो हमलोग विवश होकर लोकतांत्रिक तरीके से चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।