सैदपुर तटबंध हुआ ध्वस्त,कई गांव हुआ जलमग्न ,राहत बचाव में जुटे अधिकारी रेसक्यू जारी….

रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा/अंजनी कश्यप
सिल्क टीवी/नवगछिया(बिहार) : बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत नवगछिया सैदपुर तटबंध डिमहा गांव के समीप रविवार को तटबंध ध्वस्त हो गया है। बांध के ध्वस्त होने के साथ ही तेजी से इस्माइलपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। जिसे देखकर बड़ी संख्या में आस पास के लोग भी बांध पर पहुंच गए। बता दें कि इस्माइलपुर प्रखंड को बाढ़ से बचाने के लिये स्थानीय लोग और जल संसाधन विभाग का सारा ध्यान इस्माइलपुर जाह्नवी चौक तटबंध पर था, जबकि साल 2008 में बने सैदपुर – इस्माइलपुर तटबंध पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। मिली जानकारी के अनुशार तटबंध की स्थिति ठीक थी, लेकिन चूहों द्वारा बांध में मांद बना दिये जाने के कारण यह मजबूत तटबंध एकाएक ध्वस्त हो गया। वहीं प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा इस्माइलपुर के बाढ़ पीड़ितों को उंचे जगहों पर चले जाने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों ने ग्रामीणों को हर संभव राहत कार्य चलाने का आश्वासन दिया है। इधर बांध ध्वस्त होने के बाद नवगछिया शहर को सुरक्षा प्रदान करने वाला गंगा प्रसाद जमीनदारी तटबंध पर भी जल स्तर का दबाव बढ़ने की संभवना जताई जा रही है। इस्माइलपुर-बिंद टोली में रविवार की दोपहर लिए गए वाटर लेवल रीडिंग में गंगा नदी का जलस्तर 33.30 मीटर है. और खतरे का निशान 31.60 मीटर है, जबकि यहां पर गंगा का उच्चतम जलस्तर 33.45 मीटर है। वहीं बांध टूटने के और कई गांवों में पानी घुसने से हुई क्षति पूर्ति का जायजा लेने सोमवार को भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त प्रेम सिंह मीणा और जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन नवगछिया पहुंचे। वहीं इसको लेकर आयुक्त ने कहा कि राहत बचाव के एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की पांच टीम को रेस्क्यू कार्य में लगाया गया है। आयुक्त ने कहा कि घटना के कारण जांच का विषय है, लेकिन फिलहाल पहली प्राथमिकता तेजी से राहत बचाव कार्य करना है।

उन्होंने कहा कि पानी का प्रेसर बढ़ जाने से इस तरह की घटना हुई है, और सभी बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और आवश्यक सुविधा मुहैया कराने का कार्य किया जा रहा है। जबकि डीएम सुब्रत कुनार सेन ने कहा कि सरकार के निर्देश पर बाढ़ पीड़ितों के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन और कम्युनिटी किचेन चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जीआर की राशि अगले तीन दिनों में खाते में डाल दी जाएगी। बड़ी नाव के माध्यम से लोगों के साथ मविषियों को भी बाहर निकाला जा रहा है। साथ ही कहा कि हर स्थिति से निबटने के लिए प्रशासन और इंजीनियर तैयार है, और लोगों की हर संभव मदद की जाएगी।