
रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी भागलपुर (बिहार) : भारत हिंदू राष्ट्र है, भारत हिंदू राष्ट्र था, भारत हिंदू राष्ट्र रहेगा, क्योंकि यहां की मूल प्रजा हिंदू है। भारत का धर्मनिरपेक्ष देश होना ही सबूत है कि यह हिंदू राष्ट्र है। यहां सभी को स्वतंत्रता है कि वह अपने धर्म का पालन कर सकें, यही हिंदुत्व है। जिस देश में गुलाम हो वहां धर्मनिरपेक्षता नहीं हो सकती है। यह बातें विश्व हिंदू परिषद के 57 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान विहिप की केंद्रीय प्रन्यासी सह पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही ने टिबड़ेवाल धर्मशाला में अपने संबोधन में कही। जगन्नाथ शाही ने कहा 1947 में हमें एक नष्ट भारतवर्ष मिला, आज सुखद परिस्थिति है। हमने समस्या से लड़ने की सामर्थ्य पैदा की। भारत बदला है, और इन परिस्थितियों से निबटने में विहिप जैसे संगठन मौजूद है। इसके मूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा है। उन्होंने तंज कस्ते हुए कहा कि कल श्रीराम थे ही नहीं, लेकिन आज ट्रस्ट के माध्यम से राम मंदिर बन रहा है। पिछले 57 वर्ष में भारत बदला। हमें सब को एक सूत्र में बांधना है, क्योंकि जहां परस्पर प्रेम वहां श्रीराम प्रकट होते हैं। राम को मानने की पहली शर्त है, समरसता। श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाए। उन्होंने कहा कि जय श्री राम कहने वाला समाज उनके आचरण को कैसे नहीं स्वीकारेगा। विहिप सामर्थ्यवान लोगों का समर्थ संगठन है, और हम सभी मोर्चों पर सफल हो रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद 15000 ब्लॉक तक पहुंच चुका है, 2024 में परिषद अपनी हीरक जयंती मनाएगा. साथ ही कहा कि हम प्रत्येक गांव में पहुंचेंगे, और प्रत्येक गांव सिंह की गुफा बन जाएगा। क्योंकि शेर लड़ने से नहीं कतराते हैं। स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ जगन्नाथ शाही ने दीप प्रज्वलन कर किया। जबकि इस दौरान मंच पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री पारस शर्मा, विभाग सह मंत्री संतोष सिसोदिया एवं भागलपुर महानगर अध्यक्ष पदम जैन भी मौजूद रहे. विभाग सह मंत्री सिसोदिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि मंच संचालन महानगर मंत्री सुमित जिलोका ने किया।। इस अवसर पर संघ के विभाग प्रचारक विजयेंद्र कुमार के साथ बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवक विहिप के कार्यकर्ता उपस्थित थे।