रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश है। उलेमा का कहना है कि वसीम रिजवी ने हजरत मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की है और उनकी तौहीन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

इधर वसीम रिजवी के बयान और उनकी किताब को लेकर भागलपुर खानकाह पीर दमड़िया के 15वें सज्जादानशीन सैयद शाह फखरे आलम हसन ने शुक्रवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दरअसल वसीम रिजवी ने अपनी पुस्तक ‘मोहम्मद’ में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। जिसका विरोध देशभर में हो रहा है।

सज्जादानशी ने वसीम रिजवी पर सरकार से रासुका लगाने की मांग करते हुए गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब संपूर्ण मानवता के लिए रहमत बनाकर भेजे गए हैं। वहीं जन अधिकार पार्टी के प्रदेश सचिव सैयद रागिब हसन ने बताया कि वसीम रिजवी अपने निजी स्वार्थ के लिए देश की एकता और अखंडता में फूट डालने का प्रयास कर रहा है।

सैयद रागिब ने कहा कि हमारे देश के संविधान के अनुसार किसी भी धर्म के खिलाफ अपशब्द और अभद्र टिप्पणियां करके देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले की जो सजा निर्धारित है, वह सजा वसीम को दी जाए। गौरतलब हो कि वसीम रिजवी पहले भी विवादों में रहे थे। उन्होंने कुरान की 26 आयतें हटाने की वकालत की थी और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब वसीम का तर्क था कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।