रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर,1949 को दिया था। तब से हर साल यह तारीख हिंदी दिवस के रूप में मनाई जाती है। देश में हिंदी दिवस पहली बार 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिन्दी विश्व में चौथी ऐसी भाषा है, जिसे सबसे ज्यादा लोग बोलते हैं। यह दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के विकास और महत्व पर जोर देना है।

इधर हिन्दी दिवस पर जिले भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। भागलपुर टीएनबी कॉलेज में यह दिवस राजभाषा हिंदी संकल्प समारोह के रुप में मनाया गया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी ने की। मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. योगेंद्र और अंजनी कुमार राय मौजूद रहे। कार्यक्रम का उदघाटन अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इसके बाद डॉ. चंदन कुमार, डॉ. रविशंकर चौधरी, प्रो. नवीन कुमार और अन्य वक्ताओं ने हिंदी के इतिहास और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष सुबोध मंडल ने कहा कि हिंदी जन जन की भाषा है। क्योंकि हिंदी में कई भाषाओं और बोलियों की मिठास मिली हुई है। जबकि पूर्व हेड प्रो. आलोक चौबे ने बताया कि हिंदी भारत की बिंदी है। इस दौरान छात्र छात्राओं के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्राचार्य ने पुरस्कृत किया।

वहीं प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि हिन्दी सरल और एकता के सूत्र में बांधने वाली भाषा है। साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि कार्यालय की भाषा हिंदी होनी चाहिए। संजय चौधरी ने कहा कि हिंदी उन भाषाओं में है जो दुनिया में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती है। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयासों से यह भाषा वैश्विक मंच पर लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है।