
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मायागंज अस्पताल प्रशासन से रुबरू हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात कोरोना मरीजों से ली इलाज, भोजन व सेहत की जानकारी..
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को सभी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षक और कोरोना प्रभावित जिलों के डीएम व सीएस से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने न केवल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) की बेड क्षमता और जांच-इलाज की जानकारी ली, बल्कि अस्पताल अधीक्षक से पूछा कि आखिर भागलपुर में कोरोना से ज्यादा मौतें क्यों हो रही हैं। इस पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहां भागलपुर, मुंगेर व पूर्णिया प्रमंडल के अलावा कोसी-सीमांचल के साथ-साथ झारखंड के तीन जिलों के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां इलाज के लिए आने वाले कोरोना मरीजों की हालत 90 प्रतिशत तक गंभीर होती हैं। मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल (एसपीओटू) 40 से 50 प्रतिशत के बीच और एचआरसीटी स्कोर (फेफड़े में संक्रमण का स्तर) 20/25 से अधिक रहता है। ऐसे में इन मरीजों की मौत भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के बीच होती है। इसलिए आंकड़ों के लिहाज से भागलपुर में अन्य जिलों की तुलना में कोरेाना से हुई मौतें ज्यादा दिखती हैं।
‘मुंगेर का मरीज अगर जेएलएनएमसीएच में मरे तो उसकी मौत किस जिले में गिनी जायेगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूछा कि अगर मुंगेर के कोरोना मरीज की मौत जेएलएनएमसीएच में होती है तो उसकी मौत भागलपुर या मुंगेर में से किस जिले में गिनी जायेगी। इस पर प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत से वार्ता करने के बाद डीएम ने बताया कि उस मरीज की पूरी रिपोर्ट सिविल सर्जन मुंगेर को भेज दी जायेगी। और वह मौत मुंगेर में ही गिनी जायेगी।
चार घंटे 38 मिनट बाद आया जेएलएनएमसीएच का नंबर
कोरोना वार्ड के हॉल में लगी कुर्सी पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ऑनलाइन वॉडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोपहर 12:38 में ही जुड़ गये थे, लेकिन चार घंटे 38 मिनट बाद यानी शाम 5:10 बजे जेएलएनएमसीएच, भागलपुर का नंबर आाया। सबसे पहले डीएम सुब्रत कुमार सेन ने जेएलएनएमसीएच का परिचय देते हुए बताया कि यहां पर 862 कोविड बेड और 36 आईसीयू है। अब तक 1540 कोरोना मरीज भर्ती हो चुके हैं। 239 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 187 कोरोना मृतक भागलपुर जिले के हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान नीतीश कुमार ने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती सात मरीजों से बात की। इनमें से रूम नंबर 19 के तीन, 20 के तीन व 23 के एक मरीज से बात की। मरीजों ने बताया कि यहां के डॉक्टर रोजाना राउंड पर आते हैं। नियमित जांच-इलाज के कारण वे गंभीर अवस्था में भर्ती हुए थे। अब लगता है कि दो से तीन दिन में पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर चले जाएंगे।
अस्पताल अधीक्षक ने नीतीश कुमार जी को बताया कि अभी कोरोना के 482 क्रियाशील बेड में से 190 बेड खाली हैं। बचे 380 बेड में से 280 बेड पर भर्ती मरीजों को 24 घंटे ऑक्सीजन दिया जा रहा है। यहां आने वाले ज्यादातर कोरोना संक्रमित सांस फूलने की समस्या के साथ आ रहे हैं। दो दिन पहले तक यहां रोजाना 30 से 40 कोरोना मरीज भर्ती हो रहे थे, लेकिन शनिवार की शाम तक महज चार कोरोना मरीज ही भर्ती हुए। ऐसे में उम्मीद है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों का लोड कम होगा। इस दौरान एडीएम सह जन लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह, एडीएम सदर राजेश कुमार झा राजा, सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा व एएसपी सिटी पूरन चंद्र झा आदि की मौजूदगी रही।