
रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी, भागलपुर (बिहार) : कोरोना महामारी के दौर में देश में लगातार बढ़ रही कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध पखवाड़ा के आह्वान पर भाकपा-माले ने शुक्रवार को जन प्रतिवाद किया। इस दौरान भागलपुर के सुरखीकल यूनियन कार्यालय के समक्ष गरीब मजदूर और कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। वहीं पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बेतहाशा मूल्य वृद्धि वापस लेने, खाद्य समेत सभी आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की कीमत को नियंत्रित करने, कालाबाजारी एवं जमाखोरी पर रोक लगाने के अलावा इनकम टैक्स के दायरे से बाहर के सभी परिवारों को अगले 6 महीने तक साढ़े सात हज़ार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता के साथ प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल गेंहू और खाद्य सामग्री देने की मांग की। जन प्रतिवाद में भाकपा-माले के राज्य कमेटी सदस्य एस के शर्मा ने कहा कि देश में करोड़ों लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए है और लाखों–लाख लोगों का रोजगार छीन गया है। ऐसी स्थिति में देश भक्त और संवेदनशील सरकार का पहला काम लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना होना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार इस अवसर का इस्तेमाल न सिर्फ अपने चहेते पूंजीपतियों का देश की संपत्ति पर कब्जा मजबूत करने के लिए कर रही है, बल्कि लगातार जुमलेबाजी और झूठ बोल कर आम आवाम को भरमाने में भी लगी हुई है। एक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना महामारी का फायदा उठाकर आवश्यक वस्तुओं और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार की जा रही वृद्धि के खिलाफ वाम दल एकजुट हैं और केंद्र सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाना होगा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार का पुतला भी फूंककर कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जबकि पूंजीपतियों का देश की संपत्ति पर कब्जा मजबूत होता जा रहा है। विरोध प्रदर्शन में सुरेश प्रसाद साह, अमर कुमार, मनोज कृष्ण सहाय, अमित गुप्ता, बुधनी उरांव, मो. चांद अली, राजेश कुमार, दीपक कुमार, प्रमोद ठाकुर, सजनी देवी, मो.आफताब, रेणु देवी, शीला देवी, सुनैना देवी, मंजू देवी, झुना देवी, मनको देवी, उमा देवी, करुणा देवी, सुदामा देवी, मो. मुसर्रफ, मो. इनाम समेत काफी संख्या में पुरुष एवं महिला कार्यकर्ता मौजूद रहे।