
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : टेंडर रद्द होने के बाद भी भैरवा तालाब से अवैध तरीके से मछली निकालने के मामले को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। बता दें कि मीडिया में लगातार खबर आने के बाद कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और रजिस्ट्रार डॉ. निरंजन प्रसाद यादव ने संवेदक दशरत मंडल के खिलाफ प्रॉक्टर और इस्टेट शाखा प्रभारी को फाइल बढ़ाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद गुरुवार को प्रॉक्टर प्रो. रतन कुमार मंडल ने विश्वविद्यालय थाना में आवदेन देकर भैरवा तालाब की अवैध रूप से सफाई करा रहे संवेदक पर कार्रवाई की मांग की है।

थाना में दिए गए आवदेन में कहा गया है कि दशरथ मंडल के इशारे पर कुछ व्यक्तियों द्वारा भैरवा तालाब से चोरी चुपके बिना टीएमबीयू प्रशासन की अनुमति के मछली निकाली जा रही है, जो दंडनीय अपराध है। प्रॉक्टर ने पुलिस से दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इधर भैरवा तालाब मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर टीएमबीयू प्रशासन ने एक्शन लेना शुरु कर दिया है। प्रॉक्टर ने इस्टेट शाखा के दरबान बिपिन बिहारी मंडल और इंद्रदीप कुमार से तालाब से मछली निकालने और सफाई कराए जाने की सूचना विश्वविद्यालय को नहीं देने पर शो कॉज किया है।

साथ ही स्पष्टीकरण का जवाब दो दिनों के भीतर देने को कहा है। इसके अलावा कुलानुशासक ने इस्टेट शाखा के सहायक वीरेंद्र कुमार सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है कि, आपने कैसे बिना अधिकारिक आदेश के भैरवा तालाब की बंदोबस्ती राशि संवेदक दशरथ मंडल के नाम जमा करा लिया। जबकि प्रक्रिया अपूर्ण थी। वहीं भैरवा तालाब की जलकुंभी साफ करा रहे दशरथ मंडल ने बताया कि उन्होंने टेंडर कमेटी की अनुशंसा पर ही टीएमबीयू के खाता में बंदोबस्ती राशि जमा किया है और अब तक लाखों रुपए तालाब की सफाई पर भी खर्च कर चुके हैं।

संवेदक दशरथ मंडल ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय को वे सबूतों के आधार पर कोर्ट में चुनौती देंगें।