
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अपने कारनामे से लगातार सुर्खियों में बना रहता है। इस बार टीएमबीयू भैरवा तालाब टेंडर प्रक्रिया को लेकर चर्चा में है। दरअसल सिंडिकेट और वित्त कमेटी को दरकिनार कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने महज 18 लाख में ही भैरवा तालाब का टेंडर कर दिया है। वहीं 43 लाख के घाटे को लेकर छात्र संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहा है। गौरतलब हो कि तीन साल के लिए किए गए इस टेंडर से पहले पूर्व कुलपति प्राे. रमाशंकर दुबे के समय तालाब का अंतिम बार टेंडर हुआ था। तब, 50 लाख से ज्यादा के टेंडर किए गए थे। जानकार बताते हैं कि प्राे. दुबे के समय किए गए टेंडर के बाद 10 प्रतिशत की बढ़त होनी थी। जिसमें इसकी न्यूनतम सरकारी राशि 61 लाख से अधिक हो जाती। लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने काेराेना का हवाला देकर औने-पौने दर में टेंडर कर दिया। वहीं तालाब का बंदोबस्ती कराने वाले दशरत मंडल का कहना है कि उन्होंने सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए विश्वविद्यालय के खाता में 18 लाख रूपए जमा कर दिए हैं। इधर टेंडर प्रक्रिया को गलत बताते हुए अंग क्रांति सेना ने सोमवार को प्रशासनिक भवन के सामने कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का पुतला फूंका। इस दौरान अंग क्रांति सेना के संयोजक शिशिर रंजन सिंह ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही भैरवा तालाब टेंडर में घोटाले का आरोप अधिकारियों पर लगाया। वहीं विश्वविद्यालय प्रभारी अमरजीत मंडल और सचिव गौतम पासवान ने कहा भैरवा तालाब का टेंडर जब तक रद्द नहीं होगा तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने लंबित परीक्षा जल्द आयोजित करने की मांग भी की।