रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : तापमान में लगातार गिरावट आने के कारण ठंड काफी बढ़ गई है और शीतलहर आने की संभावना बनी हुई है। इस स्थिति में मधुमेह और दिल के मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।

चिकित्सकों की सलाह है कि ब्लड प्रेशर नियमित रूप से मापते रहें। क्योंकि सर्दी के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण भी बनता है। वहीं भागलपुर स्थित पूर्वी बिहार के सबसे बड़े हॉस्पिटल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आर. एन. टी. सी. पी. विभाग के पूर्व मेडिकल ऑफिसर डॉ. विनय कुमार झा ने बताया कि सर्दियों में दिल तक खून को ले जाने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं, ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ब्लड प्रेशर या हार्ट की दवा खा रहा है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वरीय फिजिशियन डॉ. विनय कुमार की माने तो ठंड के मौसम में लकवा के केस भी काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में स्वस्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। खासतौर पर ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगियों को सर्वाधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। साथ ही चिकित्सक ने बताया कि जो व्यक्ति मोटा होता है, धूम्रपान करते हैं या हाई ब्लड प्रेशर के रोगी हैं।

उन्हें स्ट्रोक, नाक से खून निकलने और हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। वहीं तिलकामांझी हटिया रोड स्थित श्यामा क्लीनिक में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टर ने कहा कि ठंड के मौसम में दिल का दौरा पड़ने के लगभग 50 प्रतिशत मामले सुबह के समय के होते हैं। इसलिए सुबह के समय बीपी के मरीजों को सैर-सपाटा करने से परहेज करना चाहिए।

डॉ. विनय कुमार झा ने बताया कि मरीजों को ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शाम की दवा सुबह के खतरे कम कर सकती है। इसलिए समय पर दवा खानी चाहिए।