
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस और उससे होने वाली मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बिहार में ब्लैक फंगस के कहर से अब तक 80 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि पांच सौ से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं करीब दो सौ लोग इससे ठीक हो चूके हैं। साथ ही फंगस की चपेट में आए तीन सौ से ज्यादा मरीज जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। जिसमें सबसे अधिक ऐसे मामले हैं जो कोरोना को मात देने के बाद ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आए हैं। इधर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के दंत रोग विभाग की एचओडी डॉ. रिचा आंगिक ने बताया कि ब्लैक फंगस के जो भी मामले आ रहे हैं, उसमें सबसे अधिक ऐसे मामले हैं जो कोरोना को मात देने के बाद संक्रमित हुए हैं। कुछ ऐसे भी मामले आ रहे हैं, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने के साथ फंगस भी शामिल है। जेएलएनएमसीएच की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रिचा आंगिक ने कहा कि ऐसे मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है। वहीं मायागंज अस्पताल के डेंटल विभाग में अपनी सेवा दे रहे सीनियर रेजिडेंट डॉ. कुंदन साह ने बताया कि ऐसे मरीज जो कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिन्हें स्टेरॉयड की हाई डोज दी गई है, और जो शुगर ब्लड प्रेशर के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में अगर अलर्ट रहा जाए तो जान बचाना भी आसान होगा। मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. कुंदन साह ने बताया कि भागलपुर और आस पास के जिलों में ब्लैक फंगस के कई मरीज मिले हैं। जिनका इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है। गौरतलब हो कि ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज पर बिहार सरकार की ओर से प्रति मरीज चार से पांच लाख तक की दवा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दी जा रही है।