
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : योगगुरु बाबा रामदेव और एलोपैथ डॉक्टरों का विवाद अभी थमा नहीं है। इसको लेकर शुक्रवार को देशभर के डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध जताया। दरअसल योगगुरु पर एलोपैथ चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टरों का मजाक उड़ाने का आरोप है। वहीं रामदेव के एलोपैथ विरोधी टिप्पणी के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुबह से दोपहर तक विरोध प्रदर्शन किया। भागालपुर के IMA हॉल, मायागंज अस्पताल समेत कई स्थानों पर चिकित्सकों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। इस दौरान जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में डॉक्टर ओपीडी सेवा का बहिष्कार करते दिखे। हालांकि IMA ने कहा कि इस दौरान कोरोना और दूसरे गंभीर मरीजों के इलाज में कोई बाधा नहीं डाली गई है। वहीं आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डी. पी. सिंह, जिला अध्यक्ष डॉ. संदीप लाल, सचिव डॉ. बसुंधरा लाल और डॉ. हेमशंकर शर्मा ने बताया कि योगगुरु रामदेव के चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा पद्धति, कोविड शहीदों का अपमान, कोविड चिकित्सा के खिलाफ बोलने के लिए योगगुरु पर क़ानूनी कार्रवाई हो। इधर एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया भागलपुर चैप्टर के जिला सचिव डॉ. ओबैद अली, डॉ. राजीव सिंहा और संघ से जुड़े अन्य चिकित्सकों ने काला मास्क और बिल्ला लगाकर नारेबाजी की। आईएमए और API से जुड़े चिकित्सकों ने कहा कि डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए सरकार केंद्रीय कानून जल्द लागू करे। डाक्टरों ने कहा कि पिछले दो सप्ताह के अंदर असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और कई अन्य जगहों पर चिकित्सकों पर हिंसा की घटनाएं हो चुकी है, जिसकी आईएमए घोर निंदा करती है।