
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : देश-विदेश में भागलपुर की अलग पहचान सिल्क से होती है। सिल्क नगरी में तैयार किए गए रेशम के वस्त्र की मांग आज भी पूरी दुनिया में है। लेकिन इस कारोबार से जुड़े बुनकर आज खुद की बदहाली पर रो रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि लॉकडाउन की मार के बाद अब भागलपुर के बुनकरों को बाढ़ ने बड़ा झटका दे दिया है। बाढ़ का पानी बुनकरों के घर में प्रवेश कर चुका है। जिस कारण बुनकर परेशान हैं। इधर गंगा के साथ चंपा नदी के उफनाने से चंपानगर और नाथनगर के बुनकर बाहुल्य इलाके में आई बाढ़ ने बुनकरों के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है।

बाढ़ का पानी मेदनीनगर समेत पूरे इलाके में फैल गया है। वहीं पावरलूम और कारखानों में गंदा पानी प्रवेश होने से कपड़ा कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है। बुनकरों का उद्योग बाढ़ की जद में समाता जा रहा है। चंपानगर मस्जिद लेन में पिछ्ले एक सप्ताह से चार से पांच फीट तक बाढ़ का पानी बह रहा है। जिस कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। जबकि रोजाना मजदूरी करने वाले दो सौ से ज्यादा पावरलूम कारीगरों की रोजी-रोटी भी छिन गई है।

मदनीनगर के रिजवान अंसारी और शाहिद ने बताया कि पावरलूम परिसर में जलजमाव के कारण तैयार कपड़े भी खराब हो चुके हैं। कारखाने के बाहर सड़क पर कमर पर पानी का बहाब है। बुनकरों ने बताया कि बाढ़ के पानी से करीब 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लेकिन जिला उद्योग केंद्र भी इसपर चुप्पी साधे हुए है। बुनकरों ने बताया कि पावरलूम मशीनें घरों में घुसे बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं। जिस कारण सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं।