
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार ) : कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के बाद अगर किसी मरीज को सांस लेने में समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करें। यह पोस्ट कोविड के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर अपना उपचार कराना चाहिए। यह कहना है भागलपुर तिलकामांझी हटिया रोड स्थित श्यामा क्लीनिक में अपनी सेवा दे रहे डॉ. विनय कुमार झा का। फिजिशियन डॉ. विनय ने बताया कि इन दिनों कोविड से ठीक हो चुके कई लोगों में बिना श्रम किए थकावट महसूस होना , सांस लेने में तकलीफ , नॉर्मल लंग्स कैपेसिटी के कारण चलने में कठिनाई होना एवं सीने मे दर्द आदि की शिकायतें आ रही है, जो पोस्ट कोविड के लक्षण हैं। डॉक्टर ने कहा कि जिले में कोविड स्क्रीनिंग में औसतन आधा दर्जन से अधिक पोस्ट-कोविड के मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं और आने वाले समय में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चिकित्सक ने बताया कि जिन व्यक्तियों को बीपी, सांस लेने में तकलीफ, डायबिटीज, किडनी रोग और हार्ट की बीमारी है, ऐसे लोगों को पोस्ट कोविड से ज्यादा खतरा है। वहीं मायागंज अस्पताल के पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार झा ने कहा कि एसिम्टोमैटिक लक्षण वाले कोविड मरीज यदि नियमित रूप से सांस से जुड़े व्यायाम का अभ्यास करने के साथ संतुलित और पौष्टिक भोजन लें, तो उनमें पोस्ट कोविड की समस्या उत्पन्न होने की संभावना कम हो जाएगी। डॉ. की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर में कोविड-19 से ठीक होने के बाद बड़ी संख्या में लोग कोविड-19 सिंड्रोम का सामना कर रहे हैं। डॉ. विनय कुमार झा ने कहा कि अधिकतर कोविड रोगी 2 से 4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। फिर भी कुछ रोगियों में कोविड का लक्षण चार सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है। ऐसी स्थिति को एक्यूट पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। और जब लक्षण छह महीने के बाद भी बने रहते हैं, तो इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।