
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : पूर्वी भारत में अगली पीढ़ी के आर्थिक उन्नति का द्वार बागवानी के माध्यम से खुलेगा। इस क्षेत्र में फल, फल एवं सब्जियों की खेती की असीम संभावनाएं है। जलवायु परिवर्तन का भी इन फसलों पर कम असर पड़ेगा। किसान कम लागत पर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।
उक्त बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन शुक्रवार को पूर्वी भारत उद्यान के निदेशक उज्जवल कुमार ने कही।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में ऑन एवं ऑफलाइन लगभग 600 प्रतिभागी शामिल हुए। इसमें 255 सुझाव आए। समापन मौके पर ओरल एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन के लिए आठ प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। जिसमें डॉ टी चट्टोपाध्याय एवं डॉ श्वेता सिन्हा को सर्वोत्तम ओरल प्रेजेंटेशन अवार्ड से नवाजा गया। निदेशक अनुसंधान डॉ फ़िज़ा अहमद ने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में जो भी सुझाव आए हैं उसका एक प्रस्ताव तैयार कर आगे की कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा। बता दें कि बीएयू 12 वें में स्थापना दिवस पर आयोजित इस सेमिनार का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप निदेशक उद्यान डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा किया गया था। इधर बीएचयू के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की सफलता पर सभी प्रतिभागियों एवं आयोजक को बधाई दी है। समापन मौके पर डॉ आरआर सिंह, डॉ संजय सहाय अध्यक्ष उद्यान विभाग, डॉ आरबी वर्मा, डॉ रूबी रानी सहित अन्य उपस्थित थे। यह जानकारी विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ शशिकांत ने दी है।