
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : बिहार में गंगा और कोसी नदी उफान पर है। वहीं जलस्तर में वृद्धि और नाव में क्षमता से अधिक लोगों के बैठने से नाव पलटने का सिलसिला भी जारी है। इसी को ध्यान रखकर शुक्रवार को भागलपुर सबौर में एनएच 80 के समीप डॉक्टर अजय वॉटर हेलमेट का डेमो किया गया। जीवन जागृति सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह की देखरेख में बाढ़ से घिरे इंगलिश गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों ने गंगा की धार में नाव से कूदकर मॉक ड्रिल किया।

दरअसल डॉ. अजय वाटर हेलमेट नाव दुर्घटना में लोगों की जान बचाने के लिए बनाया गया एक उपकरण है। जो खाली डब्बा और डोरी से बना है। वहीं डेमो में दिखाया गया कि सौ रुपये की लागत से बना किट किस तरह जल दुर्घटना में लोगों की जान बचा सकता है।

इस दौरान डॉ. अजय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अगर इस उपकरण को सरकारी स्तर पर वितरित किया जाए तो जान-माल की क्षति कम होगी। साथ ही नाव पर यात्रियों को इसे लगाकर बैठाने से यात्रा करने वाले लोग सुरक्षित रहेंगे और उन्हें डूबने का भय भी नहीं सताएगा। डॉ. सिंह का कहना है कि जब भी कोई नाव दुर्घटना होती है लोगों का बचना भगवान भरोसे होता है। नाव में बैठे लोगों की सुरक्षा और जल दुर्घटना पर सरकार का ध्यान उचित रूप से नहीं है।

सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए हेलमेट है मगर नाव दुर्घटना में बचाव के लिए कोई सुरक्षा उपकरण नहीं है। इसलिए बाढ़ के समय में अधिक नाव हादसों की खबर आती है। संस्था के अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह ने कहा कि जिस तरह बाइक सवार का सर हेलमेट फटने नहीं देता, ठीक उसी तरह से वाटर हेलमेट व्यक्ति को जल में डूबने नहीं देगा।