रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी भागलपुर (बिहार) :शारदीय नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को मां दुर्गा के सप्तम स्वरुप माता कालरात्रि की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से की गई। मंगलवार को जिले के सभी दुर्गा मंदिरों और पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा पूजा वेदी पर चढ़ाकर श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिया गया।

वहीं इसको लेकर सुबह से मां कालरात्रि की पूजा कर दुर्गा सप्तशती पाठ किया गया, और पूरा शहर माता के भजन एवं जयकारे से गूंजता रहा। बता दें कि धार्मिक मान्यता के अनुसार माँ कालरात्रि की सच्चे मन से आराधना करने से जीवन की साडी समस्या और बाधाएं दूर हो जाती है, और यह रूप अभय का वरदान देने वाला है। गधे की सवारी करने वाली माँ कालरात्रि का शरीर रात के अन्धकार की तरह काला होता है, और इनके श्वास से अग्नि निकलती है। चार भुजाओं वाली मां कालरात्रि के बाल बिखरे हुए और ये गले में तेज चमकने वाली माला धारण करती है।

इनके दो हांथों में तेज कटार और कांटा है जबकि बांकी के दो हांथों से त्रिनेत्र धारणी मां कालरात्रि शरणागतों को वर और अभयदान प्रदान करती हैं। माता कालरात्रि की उत्पत्ति दैत्यराज चण्ड और मुण्ड के वध के लिए हुई और दैत्यों द्वारा युद्ध के ललकारे जाने पर माता का चेहरा काला और भौहे टेढ़ी हो गई जिससे वे विकराल सी प्रतीत होने लगी और काली का रूप धारण कर पुरे रण क्षेत्र में दैत्यों को मौत के घात उतारकर भक्षण करने लगी। इधर शहर के मारवाड़ी पाठशाला परिसर में नवजुबक संघ द्वारा इस बार बनाए गए पंडाल को कोलकाता के दक्षिणेश्वरी काली मंदिर का रूप दिया गया है।

जबकि इसके अलावा मुंदीचक गढ़ैया दुर्गा मंदिर, आदमपुर चौक, कचहरी चौक, तिलकामाझी, भीखनपुर, मिरजानहाट दुर्गा मंदिर, अलीगंज, गुड़हट्टा चौक, खंजरपुर, बरारी समेत जिले के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मेढ़पति परिवार और पूजा समिति की ओर से धूमधाम से माँ दुर्गा की पूजा अर्चना की गई। वहीं नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी नवमी और दशमी तिथि को लगने वाले मेला की तैयारी भी पूजा समिति की ओर से की गई है। जबकि जिला प्रशासन के निर्देश पर कोविड 19 से बचाव के लिए आवश्यक इंतजाम करने का दावा भी दुर्गा पूजा समिति ने किया है।

एक ओर जहां पूजा पंडालों में प्रतिमा को अंतिम रूप देकर साज सज्जा कर पूजा की जा रही है, वहीं शहर के बाज़ारों में भी लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है, जहां विशेषकर पूजन सामग्री के साथ कपडे की दुकानों और शोरूम के अलावा आभूषण की दुकानों पर लोग खरीदारी करने पहुँच रहे है।