रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के इंडोर स्टेडियम में हुआ।

जिसमें विभिन्न कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। वहीं टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. रामप्रवेश सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों और एनएसएस के अधिकारियों को योग से संबंधित जानकारी दी।

उन्होंने योग दिवस में हिस्सा लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित भी किया। साथ ही कहा कि योग हमारी संस्कृति की पहचान है। ऐसे में हमें नियमित रूप से योग करना चाहिए।

जबकि एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अनिरूद्ध कुमार ने कहा कि योग के माध्यम से उत्साह और आशा का संचार होता है। इसलिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

उन्होंने जानकारी दी कि योग करने से शरीरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और इससे बीमारियां भी दूर रहती हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों को जीवन में खुश और स्वस्थ रहने के लिए योग के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

वहीं 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार, डाॅ. अंबिका कुमार, डाॅ. सीता भगत, डाॅ. अनिल सिंह और डाॅ. संजय जायसवाल ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में नगमा, निखिल झा, मूलचंद्र समेत कई एनएसएस वॉलिंटियर्स मौजूद थे।

इधर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भागलपुर बी.एन. कॉलेज में दलित समाज की महिलाओं और बच्चों ने भी योगाभ्यास किया। गौरतलब है कि योग दिवस पर बी. एन. कॉलेज परिसर में एन. एस. एस. इकाई द्वारा शिविर लगाया गया था। जिसमें योग प्रशिक्षिका बी. नगमा अनवर के निर्देशन में स्वयंसेवकों को योगाभ्यास करवाया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. नीलू कुमारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अम्बिका कुमार के साथ महाविद्यालय के अडॉप्टेड गाँव डोमासी के दलित समाज की महिलाएं और बच्चों ने भाग लिया। सभी महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ प्रशिक्षिका द्वारा सिखाये गए योगासनों को ध्यानपूर्वक देखा।

साथ ही इससे होने वाले स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ की जानकारी भी ली। वहीं दलित समाज की महिलाओं ने योगाभ्यास को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की बात कही। योग को लेकर बीएन कॉलेज परिसर से जागरूकता रैली भी निकाली गई।