छात्र काबिलियत और मेहनत से बनाएं अपनी पहचान : कुलपति

रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के बहुद्देश्यीय प्रशाल में मंगलवार को साइंस, कॉमर्स और लॉ संकाय के पीजी सेमेस्टर वन, सत्र 2020-2022 के नव नामांकित छात्र-छात्राओं के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। ओरिएंटेशन प्रोग्राम का उदघाटन टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संयोजन डीन एकेडमिक्स प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव कर रहे थे। वहीं विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों ने अपने कार्यों और शैक्षणिक-प्रशासनिक गतिविधियों से पिजी के नए छात्रों को अवगत कराया। कार्यक्रम के आरम्भ में पीजी म्यूजिक विभाग की छात्र-छात्राओं ने कुलगीत गाया। इसके बाद ओरिएंटेशन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि छात्रों से ही विश्वविद्यालय की पहचान होती है। छात्र विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण अंग होते हैं। नए छात्र नई फसल की तरह होते हैं। जिनसे हमें बहुत उम्मीदें और आशा रहती है। विश्वविद्यालय की अपनी परम्पराएं और अनुशासन हैं। छात्र उस पर अमल करे। छात्र खुद को इतना सशक्त बना लें कि वे अपनी काबिलियत और मेहनत से टीएमबीयू का झंडा बुलंद करें। इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। वीसी ने कहा कि छात्रों को अधिक से अधिक समय लाइब्रेरी में बिताना चाहिए। लाइब्रेरी ज्ञान का अकूत भंडार है। फुर्सत के समय में लाइब्रेरी जरूर जाएं। इस दौरान सेंट्रल लाइब्रेरी जाने में छात्रों के रुचि नहीं लेने पर कुलपति ने अप्रसन्नता जाहिर की और मौके पर ही उन्होंने घोषणा किया कि पूरे साल में जो भी छात्र-छात्राएं लाइब्रेरी के ‘मैक्सिमम यूजर’ होंगे उन्हें सत्र के अंत में विश्वविद्यालय अवार्ड देगी। ताकि छात्रों का लाइब्रेरी के प्रति रुझान बढ़ सके। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जाएगी। उनकी रुचि और जिज्ञासा के अनुसार व्यवस्था की जाएगी। छात्रों के लिए पहली बार ई-बुक्स और ई-जर्नल्स की व्यवस्था की जा रही है। वहीं ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीन एकेडमिक्स प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि टीएमबीयू के अब तक के इतिहास में इस तरह का ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन पहली बार किया गया है। इससे नए छात्र-छात्राओं के अभिमुखीकरण में काफी लाभ मिलेगा। प्रो. ठाकुर ने कहा कि पीजी स्तर पर एईसीसी का एक ही तरह का सिलेबस हो, ताकि उसे सभी विभागों में इम्प्लीमेंट किया जा सके। इसके लिए पहल की जाएगी। मौके पर प्रॉक्टर प्रो. रतन कुमार मंडल, सीसीडीसी प्रो. केएम सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरूण कुमार सिंह, यूडीसीए के डायरेक्टर प्रो. नेसार अहमद, प्लेसमेंट सेल के कन्वेनर प्रो. पवन कुमार पोद्दार, पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर समेत कई शिक्षक और छात्र छात्रा मौजूद थे।