
भागलपुर डीडीसी कुमार अनुराग के एक्शन से गुरुवार को सदर अस्पताल समेत कई कार्यालयों में हड़कंप मच गया। दरअसल मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सदर अस्पताल कार्यालय में कर्मियों द्वारा प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के एवज में रिश्वत लेने की शिकायत वरीय पदाधिकारियों को मिली थी। जिसके बाद भागलपुर के नए डीडीसी कुमार अनुराग एक कैंडिडेट साथ सामान्य रूप से कार्यालय पहुंचे, जहां आवेदन के साथ सभी आवेदक से रिश्वत भी ली जा रही थी, वहीं इसको देखते ही डीडीसी ने इसकी जानकारी सदर एसडीओ और पुलिस प्रशासन को दी, जिसके बाद पुलिस के साथ मौके पर सदर एसडीओ धनंजय कुमार ने पहुंचकर जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल के तीन कर्मियों को दबोच लिया, लेकिन इसमें से एक कर्मी वहां से फरार होने में सफल हो गया जबकि दो को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसको लेकर डीडीसी कुमार अनुराग ने कहा कि आम लोगों को किसी भी प्रकार से अगर सरकारी कार्यालयों में प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदन करने पर होने वाली असुविधा या रिश्वत मांगने की शिकायत आवेदक वरीय पदाधिकारियों से करें, जिससे इस तरह के कार्यों पर रोक लग सके। वहीं एसडीएम ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत एक लिपिक और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी समेत एक अन्य कर्मी को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया लेकिन उसमे एक फरार हो गया, जबकि दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार कर्मियों के पास से 15 हजार दौ सौ रुपये बरामद हुए हैं, जिसके बाद रिश्वतखोरी के आरोप में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसको लेकर सदर एसडीओ धनंजय कुमार ने कहा कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर सदर अस्पताल में रिश्वतखोरी का धंधा चल रहा था, जिसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी। एसडीओ ने बताया कि जब इसकी सच्चाई जानने गुप्त रूप से डीडीसी सदर अस्पताल पहुंचे, तो रिश्वत लेते रंगे हाथ लिपिक, चपरासी और कंप्यूटर असिस्टेंट को पकड़ा गया। एसडीओ ने बताया कि सिविल सर्जन के स्तर से पकडे गए कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है, जबकि इस तरह की कोई भी शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।