
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : बिहार में मानसून की बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी कई जगहों पर खतरे की निशान से उपर बह रही है। वहीं भागलपुर दियारा क्षेत्र पूरी तरह बाढ़ में डूब चुका है। यही नहीं बाढ़ की विकराल रूप ने कई गांव और इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में भी बाढ़ के कारण त्राहिमाम की स्थिति है। बाढ़ ने टीएमबीयू के प्रशासनिक भवन को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है।

विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रशासनिक भवन के ग्राउंड फ्लोर, सीनेट हॉल, केंद्रीय पुस्तकालय, प्रोफ़ेसर कॉलोनी, इंडियन बैंक, एटीएम, गेस्ट हाउस, छात्र सेवा केंद्र और छात्र संघ कार्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया है। साथ ही गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बाढ़ का पानी एनएच पर बहने लगा है। वहीं विश्वविद्यालय आने वाले कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है। सोमवार को टीएमबीयू के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित डीएसडब्ल्यू, लीगल, स्टोर, पेंशन, स्थापना, एनएसएस समेत अन्य कार्यालय में बाढ़ का पानी तीन से चार फीट तक प्रवेश कर गया। कर्मियों ने बताया कि बाढ़ के कारण विश्वविद्यालय का काम बुरी तरह प्रभावित है।

वहीं टीएमबीयू के कर्मचारियों को अब जहरीले जीवों का खतरा भी सता रहा है। इधर प्रशासनिक भवन परिसर की ग्राउंड फ्लोर के सभी कमरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने पर कुलपति प्रो. नीलीमा गुप्ता ने विश्वविद्यालय के आवश्यक कार्यों को मारवाड़ी महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन से करने का निर्देश दिया है। जिसकी अधिसूचना सोमवार को रजिस्ट्रार डॉ. निरंजन प्रसाद यादव ने जारी कर दी। कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में जब तक बाढ़ की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक अस्थाई रूप से जरूरी कार्यों का निष्पादन मारवाड़ी महाविद्यालय के महिला प्रभाग से संचालित किया जाएगा।