
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 810वां उर्स -ए- पाक मनाया गया। इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से अकीदतमंद अजमेर पहुंचे और चादरपोशी की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से भी गरीब नवाज दरगाह के लिए चादर भेजा गया। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान ने अजमेर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से मजार शरीफ पर चादरपोशी की। जबकि दरगाह परिसर में कव्वालों ने अपने सूफियाना कलाम की प्रस्तुति दी।

बता दें कि बीती रात 810 वां उर्स का समापन हो चुका है और 11 फरवरी को बड़ा कुल होने के साथ उर्स का विधिवत समापन हो जाएगा। भागलपुर से अजमेर गए मो. आजम खान चिश्ती और मो. परवेज ने बताया कि हिंदुस्तान की सरजमीं को हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती जैसे औलियाओं ने खुदाई खिदमत और रूहानी तालीमात से फैजयाब किया है।

लेकिन आज के दौर में मजहब के नाम पर समाज को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे में गरीब नवाज के कौमी एकता का संदेश ज्यादा प्रासंगिक हो जाता है। क्योंकि उन्होंने कमजोर, गरीब और बेसहारा लोगों की खिदमत करने, एक दूसरे से भाईचारा, सद्भाव कायम रखने और मुल्क की हिफाजत पर जोर दिया है।

परवेज ने बताया कि गरीब नवाज के आस्ताने पर न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि दुनिया भर के जायरीन अकीदत के साथ अपनी मुराद लेकर हाजिर होते हैं। इधर खाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर भागलपुर में जगह जगह कार्यक्रम का आयोजित किया गया।

हुसैनपुर पाकिजा चौक पर नौजवान कमेटी की ओर से कव्वाली का आयोजन किया गया। इस दौरान समाजसेवी वसीम खान ने कहा कि यह उर्स हिंदू-मुस्लिम एकता और देश में शांति का प्रतीक है।

मौके पर शहजाद, असगर, बबलू, शमशाद, आजाद, मस्तान समेत कमेटी से जुड़े कई सदस्य मौजूद थे। वहीं भीखनपुर, बरहपुरा, तातारपुर, मौलानाचक, गणीचक,

खंजरपुर, कबीरपुर, हुसैनाबाद सहित कई मुहल्लों में सालाना उर्स-ए-पाक के माैके पर मिलादुन्नबी, मजलिस, कव्वाली, जलसा और महफिल-ए-समां का आयोजन किया गया।