कोरोना की मार : बकरा बाजार में ग्राहकों का इंतजार, नहीं मिल रहे खरीदार, तोता नस्ल का बकरा बना आकर्षण का केंद्र….

रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : ईदगाह, खानकाह और धार्मिक स्थानों पर 21 जुलाई को सामूहिक रूप से बकरीद की नमाज नहीं होगी। इसको लेकर बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने आवश्यक निर्देश जारी कर दिया है। जारी निर्देश में मस्जिद के इमाम, सचिव, जिला औकाफ कमेटी और खानकाह के सज्जादानशी से सरकार द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का अनुपालन करने को कहा गया है। गौरतलब हो कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार ने छह अगस्त तक सभी धार्मिक स्थल को आमजनों के लिए बंद रखने को कहा है। वहीं आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का आदेश जिला प्रशासन को दिया गया है। इधर ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी के लिए बकरों का बाजार भागलपुर में सज चुका है। शहर के तातारपुर सहित कई जगहों पर बकरा मंडी में बकरों की खरीद फरोख्त जारी है। साथ ही पिछले साल की तुलना में इस साल बकरों के दामों में बीस से तीस फीसदी का इजाफा देखा जा रहा है। शहर के बाजारों में आस-पास के गांव के लोग भी बकरों की बिक्री के लिए आने लगे हैं। वहीं बकरा मंडी में हर नस्ल का बकरा मौजूद है। जिसमें तोता और बागरा नस्ल का बकरा लोगों को ज्यादा आकर्षित कर रहा है। बाजार में अल-आमिर, शेरा, हीरा, मोती, जॉनी, टाइगर , शेरू, सलमान और शाहरुख समेत कई बकरों की कीमत 40 से 50 हजार रूपए के बीच बताई जा रही है। दाम अधिक होने के कारण खरीदार इसे देखते तो जरूर है लेकिन मोल भाव के बाद आगे बढ़ जाते हैं। तातारपुर में बकरा खरीदने आए एक ग्राहक ने बताया कि नस्ल और वजन के साथ बकरे की खूबसूरती के हिसाब से ही बकरे की कीमत तय होती है। बकरा व्यापारी मोहम्मद अलताफ ने बताया कि शहर के बाजार में इस बार बकरों की कोई कमी नहीं है। हर नस्ल और हर दाम के बकरे मौजूद हैं। लेकिन कोरोना के कारण खरीदार कम आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की मार बकरा कारोबारियों को लगातार दूसरे साल झेलनी पड़ रही है। मार्केट में बकरे तो हैं, लेकिन ग्राहक कम कीमत का बकरा खोजते हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों की परचेजिंग कैपिसिटी कम हो गई है। जिस कारण बकरों के अच्छे रेट नहीं मिल पा रहे। इधर भागलपुर जिला शिया वक्फ कमेटी के सचिव सैय्यद जीजाह हुसैन ने कहा कि कोरोना का प्रकोप जारी है। इसलिए सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करते हुए बकरीद मनाएं। सैयद हुसैन ने कहा है कि बकरीद के दिन घर पर नमाज अदा करने के बाद वे विश्व में कोरोना से निजात के लिए दुआ करेंगे। उन्होंने लोगों से आपसी भाईचारा और समाजिक एकता को ध्यान में रखते हुए कुर्बानी के जानवरों का अवशेष इधर उधर नहीं फेंकने की अपील भी की है। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क का प्रयोग करने की बात कही। वहीं बकरीद को लेकर खानकाह आलिया शहबाजिया के मौलना फारुक आलम अशरफी ने कहा कि यह पर्व ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति, त्याग, बलिदान और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि बकरीद दो पैगंबरों की सुन्नत है।