
रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी, भागलपुर (बिहार) : यास चक्रवाती तूफान ने जहां कई जगहों पर भारी तबाही मचाई है, वहीं एक बार फिर आपदा को अवसर में बदलने वाली बात भी चरितार्थ होती दिख रही है। अबतक आपने यास तूफान की तबाही और नकारात्मक ख़बरों पर अधिक ध्यान दिया होगा, लेकिन हर तबाही नवनिर्माण का रास्ता भी तैयार करती है। दरअसल बंगाल की खाड़ी से उठा यास चक्रवाती तूफान ने बंगाल उड़िसा, झारखंड समेत बिहार के कई इलाकों में तबाही मचाई, जिससे भारी तादाद में जान माल की क्षति हुई है। लेकिन भागलपुर समेत बिहार के कई जिलों में यास का कम असर देखा गया, जो यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। कहा भी जाता है कि प्रकृति कई बार तबाही के साथ कुछ अच्छे संकेत एवं माहौल पैदा करती है, और इस बार भागलपुर एवं आसपास के क्षेत्र के किसानों के लिए यास आपदा में अवसर तलाशने का मौका भी दे रही है। इसको लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर के सोहाने ने कहा कि मई माह में यास के कारण हुई बारिश ने खरीफ फसल के लिए उत्तम माहौल पैदा किया है, जिससे किसान खेतों की नमी का लाभ उठाकर धान, मक्का, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली समेत कई फसलों की बुआई कर सकते हैं। जबकि तालाबों में पानी भर जाने के कारण मछली पालकों के लिए भी यह अच्छा अवसर है। कुलपति ने कहा कि पानी को खेतों में रोक कर किसान 15 जून तक धान और मक्का की बुआई कर सकते हैं, जबकि 15 जून से 15 जुलाई तक अरहर और सोयाबीन की बुआई कर अच्छी पैदावार का लाभ ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने कृषि और मौसम से संबंधित कई और जानकारियां भी दी।