
रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी, भागलपुर (बिहार) : जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक डीएम सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डीएम ने कृषि विभाग के पदाधिकारियों को जिले में उर्वरक या खाद्य की कालाबाज़ारी और मूल्य वृद्धि पर लगाम लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह का कार्य करने वालों की पहचान के लिए गठित की गई छापेमारी दल को लगाया जाए, और दोषी पाए जानेवाले के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जाए। डीएम ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी समेत छापेमारी दल ने अबतक 22 उर्वरक प्रतिष्ठान में छापेमारी की गई, जिसमें दो प्रतिष्ठान की अनुज्ञाति रद्द की गई, जबकि पांच प्रतिष्ठान की अनुज्ञप्ति निलंबित की गई, और एक उर्वरक प्रतिष्ठान के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई है। साथ ही जिलाधिकारी ने खाद्य की कालाबाज़ारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात करते हुए कृषि विभाग से सम्बंधित कार्यो को लेकर कई दिशा निर्देश पदाधिकारियों को दिया। इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने खरीफ मौसम में उपयोग में आने वाले उर्वरकों को लेकर कहा कि इस वर्ष यूरिया का लक्ष्य 30 हज़ार 6 सौ 84 मीट्रिक टन का है, लेकिन फिलहाल उपलब्धता 11 हज़ार 8 सौ आठ मीट्रिक टन है। उन्होंने डीएम को बताया कि डीएपी का लक्ष्य 12 हज़ार 2 सौ 25 मीट्रिक टन है, जबकि उपलब्धता 2 हज़ार 3 सौ 41 मीट्रिक टन है। इसके अलावा जिला कृषि पदाधिकारी ने अन्य खाद्य उर्वरक के लक्ष्य और उपलब्धता की जानकरी देते हुए कहा कि फिलहाल जिले में उर्वरक की कमी नहीं है और जब जरुरत पड़ेगी तो बिहार कृषि निदेशक पटना से इसकी मांग की जाएगी। मौके पर डीडीसी सुनील कुमार, डीएओ कृष्णकांत झा समेत कई पदाधिकारी, और विधायक एमएलसी प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।