रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : भागलपुर काजवलीचक स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र में बुधवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन वरिष्ठ समाजसेवी रामशरण, वली अहमद खान, जेपी विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली, मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी राजस्थान के प्रो. अजीज उल्लाह शेरानी, अरहम ट्रस्ट के अध्यक्ष रिजवान खान, डॉ. हबीब मुर्शीद खां, ऐनुल होदा, मिंटू कलाकार और आगत अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया।

समारोह में अरहम ट्रस्ट की ओर से उर्दू भाषा लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों के बीच पुरस्कार वितरण किया गया। इस दौरान प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों के अलावा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को उपहार, मेमेंटो, पवित्र कुरआन और सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत किया गया। वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और सेवाएं शीर्षक पर इनामी मुकाबला भी हुआ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहिद रजमी ने कहा कि उर्दू सीखें, उर्दू पढ़ें, उर्दू लिखें और उर्दू जुबान को आम करें। कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लागू की गयी नयी शिक्षा नीति के प्रावधान उर्दू भाषा के विकास में मददगार साबित होंगे। उन्होंने बताया कि नयी शिक्षा नीति में मातृभाषा के विकास और उसमें अध्ययन अध्यापन पर जोर दिया गया है।

साथ ही कहा कि उर्दू को फरोग देने के लिए हमें जागरूक रहना होगा। जबकि अहमदाबाद गुजरात से आए सामाजिक कार्यकर्ता वली अहमद खान ने कहा कि उर्दू भाषा की उन्नति भारत में ही हुई है। इसलिए उर्दू में यहां की सभ्यता और संस्कृति बसती है। उन्होंने बताया कि उर्दू हमारी मातृ भाषा ही नहीं वल्कि यह हमारी संपूर्ण संस्कृति का हिस्सा है। वली अहमद की माने तो उर्दू में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की झलक साफ दिखती है।

लेकिन वर्तमान समय में लोगों की उदासीनता के कारण उर्दू भाषा पिछड़ रही है। कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए अरहम ट्रस्ट के चेयरमैन रिजवान खान ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जो कौम अपनी ज़बान का अहसास नहीं करती उसका अस्तित्व ही मिट जाता है।

मौके पर मिंटू कलाकार ने बताया कि स्वतंत्रता का पूरा इतिहास उर्दू भाषा में संरक्षित है। इसके पूर्व नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी का स्वागत संस्था से जुड़े सदस्यों ने अंग वस्त्र देकर किया।

इस अवसर पर प्रो. एस. जेड खानम, शहनबाज वारसी, उदय, बासुदेव भाई, संजय कुमार, महबूब आलम समेत कई समाजसेवी और विभिन्न स्कूलों के बच्चे मौजूद थे।