
रिपोर्ट – मो0 सदरे आलम
सिल्क टीवी/सहरसा (बिहार) : सहरसा सदर अस्पताल से बड़ी लापरवाही सामने आई है। बता दें की जब एक वर्ष के छोटे बच्चे को सांप काटने पर परिजनों ने सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिये लाया तो अस्पताल में बिजली नही थी, और न ही जनरेटर चलाया गया। जिससे इलाज में काफी परेशानी हुई और तबतक करीब 45 मिनट तक बच्चे का ईलाज डीज़ल आने तक मोबाईल के टोर्च की रोशनी में किया गया, और इस बीच अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। लापरवाही का आलम यहीं ख़त्म नहीं हुआ , बल्कि इससे पूर्व भी कई बार अस्पताल में इलाज के दौरान मरीजों को हुई परेशानी की शिकायत लोग करते रहे , लेकिन व्यवस्था में सुधार का अबतक कोई प्रयास नहीं किया गया। जिसका खामियाजा कई बार मरीज को अपनी जान गवांकर भी चुकाना पड़ता हैं। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है की क्या सुशासन में अब मरीजों का इलाज टोर्च की रोशनी में ही होगा, और अगर हां तो यह कितना कारगर और सुरक्षित होगा।