अब शमशान में अंतिम संस्कार की मुखाग्नि के लिए घाट राजा को नहीं देने होंगे मनमाने पैसे, बैठक में नगर निगम प्रशासन ने तय किया शुल्क

रिपोर्ट – रवि शंकर सिन्हा
सिल्क टीवी भागलपुर (बिहार) : लम्बे समय से भागलपुर के श्मशान घाट पर चल रही घाट राजा की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए नगर आयुक्त योगेश कुमार सागर ने तैयारी कर ली है।

इसको लेकर भागलपुर नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर योगेश कुमार सागर और सदर एसडीओ धनंजय कुमार ने निगम के अधिकारियों और श्मशान के घाट राजा के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

अब घाट राजा शवों के अंतिम संस्कार करने श्मशान पहुंचने वाले लोगों से मुखाग्नि और दाह संस्कार के नाम पर जबरन मनमाने पैसे की वसूली नहीं कर सकेंगे।

दरअसल बैठक के दौरान भागलपुर नगर निगम प्रशासन ने हिन्दू परम्परा के अनुसार शव को मुखाग्नि और दाह संस्कार के लिए एक निश्चित शुल्क तय कर दिया है।

नगर आयुक्त ने कहा कि सामान्य वर्ग के परिवार को मुखाग्नि और दाह संस्कार के लिए डोम राजा को 11 सौ रुपये बतौर शुल्क देना होगा, जबकि बीपीएल परिवार के लोगों को इसके लिए 5 सौ रुपये का शुल्क देना होगा।

हालांकि निगम प्रशासन के इस निर्णय को सभी घाट राजा ने मानने से इंकार कर दिया और तय किये गए शुल्क को लेकर विरोध जताते हुए बैठक से बाहर निकल गये।

वहीं इससे पूर्व बैठक में नगर आयुक्त डॉ. योगेश सागर और सदर एसडीओ धनंजय कुमार ने घाट राजाओं की समस्या सुनकर उसके समाधान और सरकार द्वारा लागू विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें मिलने का भरोसा दिया,

लेकिन मुखाग्नि और डाह संस्कार के शुल्क पर सभी घाट राजा ने असहमति व्यक्त की। वहीं बैठक में चर्चा नगर आयुक्त ने घाट राजाओं से शुल्क को लेकर सुझाव मांगा,

जिसमें श्मशान घाट से आई महिलाओं ने शुल्क तय करने को लेकर विरोध जताया, जबकि घाट राजा की ओर से पांच हज़ार और दस हज़ार का शुल्क तय करने की बात कही गई, लेकिन हंगामे को देखते ही नगर आयुक्त ने सख्त लहजे में किसी तरह से हंगामा नहीं करने के लिए चेतावनी दी।

नगर आयुक्त योगेश सागर ने कहा कि यदि मृतक के परिजन स्वेच्छा से घाट राजा को तय शुल्क से अधिक पैसे देना चाहे तो इसमें नगर निगम को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी भी स्थिति में मृतक के परिजनों से दबाव बनाकर मनमाना शुल्क नहीं वसूला जा सकता है, क्योंकि यह गैर कानूनी होगा।

वहीं घाट राजा का कहना है कि जब तक दूसरे स्थानों पर रेट तय नहीं होता है, तब तक भागलपुर में भी मुखाग्नि या डाह संस्कार का शुल्क तय नहीं किया जा सकता है, जबकि प्रशासन की मनमानी से उनके बच्चे और परिवार वाले भूखे मर जायेंगे। मौके पर सिटी मैनेजर रवीश चंद्र वर्मा अधिकारियों के अलावा काफी संख्या में घाट राजा और उनके परिवार की महिलाएं मौजूद रही।