
रिपोर्ट – इशू राज
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : भारत बचाओ, मजदूरों-किसानों का अधिकार बचाओ अभियान के अंतिम दिन अगस्त क्रांति दिवस पर सोमवार को ऐक्टू और ऑल इण्डिया किसान महासभा की ओर से भागलपुर समाहरणालय के समक्ष प्रतिवाद प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मोदी सरकार पर कम्पनी राज का आरोप लगाते हुए सर्कार के खिलाफ जाकर प्रतिवाद प्रदर्शन किया। मौके पर बड़ी संख्या में मजदूरों-किसानों ने एकजुट होकर झंडे, बैनर और मांग पट्टिकाओं को लेकर मार्च निकाला और तीनों कृषि कानून एवं मजदूरों के गुलामी के चारों लेबर कोड को वापस लेने की मांग की। महंगाई-बेरोजगारी और कर्मचारियों की छटनी पर रोक लगाने की मांग करते हुए एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की भी मांग की। प्रतिवाद प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा, राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, बिंदेश्वरी मंडल और रणधीर यादव ने किया।वहीं मोदी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल में सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करने, राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने, तीन कृषि कानून और चार लेबर कोड बनाकर किसानों-मजदूरों को कॉर्पोरेट गुलामी की ओर धकेलने का आरोप भी लगाया गया। जबकि पेगासस जासूसी और यूएपीए जैसे दमनकारी कानून के माध्यम से देश में नागरिक अधिकारों का हनन करने की बात कही गई।