
रिपोर्ट – सैयद ईनाम उद्दीन
सिल्क टीवी/भागलपुर (बिहार) : 1977 में चंपानगर में हुए अंगिका विकास सम्मेलन में बिहार के तत्कालीन शिक्षा मंत्री गुनेश्वर सिंह ने पद्मश्री से अलंकृत विख्यात गांधीवादी चिंतक डॉ. रामजी सिंह की मौजूदगी में राज्य सरकार की ओर से कर्ण पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की थी।

वह सिर्फ घोषणा ही रह गई। घोषणा के पचास साल हो गए। अंग प्रदेश की जनता इंतजार करती रह गई। लेकिन अब इसे साकार करने का प्रयास किया जा रहा है।

विश्व मातृभाषा दिवस पर भागलपुर दिनकर भवन में आयोजित होने वाले अंग जन समागम में अंगिका की विभूतियों की मौजूदगी में अंग प्रदेश की 10 हस्तियों को कर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

सम्मानित होने वालों में सुधीर कुमार प्रोग्रामर, डॉ. प्रदीप प्रभात , श्वेता भारती, डॉ. मनजीत सिंह किनवार, मुकेश मंडल,

डॉ. आलोक प्रेमी, निशा कुमारी, नीति कुमारी, कुमार गौरव, राजनंदिनी और अनुज कुमार राय का नाम शामिल है।